जीवन के मंत्र लाभ: सनातन हिंदू धर्म में सदियों से चली आ रही मंत्रोच्चारण की परंपरा चली आ रही है। पूजा-पाठ, यज्ञ और हवन से लेकर सभी धार्मिक अनुष्ठानों में मंत्रों का विशेष महत्व है। मंत्रों के जाप से न केवल देवी-देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि इससे नकारात्मकता भी दूर होती है। ज्योतिष में तनावमुक्त जीवन और संचय से मुक्ति के लिए भी मंत्रों को सम्बोधित किया जाता है।
यदि आप लोकतांत्रिक रूप से फर्जी हैं, आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है या फिर घर पर नकारात्मकता का साया है तो, आपके हर परेशानी के हल मंत्रों से संभव है। इन पांच मंत्रों के जाप से घर पर सुख-शांति का वास होगा और आप सभी जमाखोरी से मुक्त हो जाएंगे। हालांकि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंत्रों का उच्चारण हमेशा स्पष्ट तरीके से और शुद्ध होकर आएं, तभी इसका लाभ मिलता है।
ये 5 मंत्र देंगे तनावमुक्त जीवन
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। फिर पूजाघर में एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें। पूजा प्रारंभ करने से पहले हाथ जोड़कर इस मंत्र का जाप करें। इसके बाद सभी दिशाओं में अभिमंत्रित जल के छींटें मारे गए। इस विधि से मंत्रोच्चारण करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ रहा है, पारिवारिक कलह-क्लेश दूर होते हैं और सुख-शांति में वृद्धि होती है।
”ॐ बुद्धिप्रदाये नमः”
इस मंत्र के जाप से बुद्धि तीव्र होती है। भगवान गणेश की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण कम से कम 108 बार करना चाहिए। मंत्र के जाप से पहले भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और उन्हें मोदक, लाल गुलाब और दुर्वा चढ़ाएं। इसके बाद जंगल का दीपक जलाएं और फिर मंत्र का जाप करें। छात्रों के लिए इस मंत्र का जाप आकर्षक होता है। इससे तीव्र बुद्धि होती है, बुद्धि बढ़ती है और विद्या की प्राप्ति होती है।
जले रक्षतु वाराः स्थले रक्षतु वामनः।
अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः।।
इस मंत्र का जाप आप सुबह और शाम दोनों ही समय कर सकते हैं। साथ ही रात में सोने से पहले भी हाथ-पांव धोकर शुद्ध होकर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र के माध्यम से आप भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि, वह सभी दिशाओं से आपकी रक्षा करे।
ॐ नम: शिवाय
यह शिवजी का सबसे प्रभावी और सरल मंत्र है। शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए इस मंत्र का जाप करने से लाभ होता है। इससे व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं और वह तनाव मुक्त जीवन व्यतीत करता है। साथ ही इससे निरोगी जीवन व अच्छे स्वास्थ्य की भी परीक्षा होती है।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥
सुबह उठने के बाद अपनी हवेली को देखते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें। इससे पूरे दिन आपके द्वारा किए गए कार्य सफल होंगे।
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