विदुर नीति: महाभारत के प्रमुख पात्र और महाविद्वान महात्मा विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है। वे हमेशा हस्तिनापुर के महाराजा धृतराष्ट्र को प्रजाहित, राष्ट्र हित और जीवन संबंधी तथ्यों का ज्ञान देते थे। इसके साथ ही वे महाराजा ने अपनी रहस्यमयी महाभारत युद्ध को रोकने का प्रयास किया था। महात्मा विदुर ने हमेशा यह प्रयास किया कि राष्ट्र को किस तरह समृद्धि राज्य बनाया जाए। हालांकि उनकी ये नीतिगत बातें कभी महाराज धृतराष्ट्र को रास नहीं आई। समान पांडवों ने हमेशा ही महात्मा विदुर की बातों का सम्मान किया और उनकी संगति भी की।
महात्मा विदुर की बात में एक नीति देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए भी दी गई है। विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति इस नीति की पूर्ति करेगा। उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। देवी लक्ष्मी की कृपा से जीवन में कभी भी धन वैभव की कमी नहीं होगी। आइए जानें इन सूचनाओं को।
श्लोक:
श्रीमंगलात् प्रभवति प्राग्ल्भ्यात् सम्प्रवर्धते।
दाक्ष्यात्तु कुरुते मूलं संयमात् प्रतितिष्ठति ।।
सद्कर्मों से माँ लक्ष्मी की होती है है app
विदुर नीति के इस श्लोक के अनुसार, जो लोग शुभ कर्म करते हैं, उन्हें लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। जो लोग सद्कर्म यानी अच्छे कर्म करते हैं। उन पर लक्ष्मी जी की कृपाती है। मां लक्ष्मी उनके पास हमेशा विराजमान रहती हैं। विदुर नीति के अनुसार, शुभ कर्मों द्वारा कमाया गया धन हमेशा बढ़ता रहता है। जबकि गलत तरीके से कमाया धन हुआ शुरू में तो बढ़ता हुआ दिखाई देता है लेकिन 10 साल बाद वह खत्म हो जाता है।
काम के प्रति हर देर निरन्तर सक्रिय
विदुर नीति के अनुसार लोगों को बिना किसी अलस्य के अपनी अधिकतम बुद्धि और क्षमता का प्रयोग करते हुए कर्म करना चाहिए। विदुर जी कहते हैं कि जो लोग हमेशा अपने काम के लिए तैयार रहते हैं उन्हें धनी बनने से कोई रोक नहीं सकता। इस लिए व्यक्ति को हर समय सक्रिय समझदारी के साथ काम करते रहना चाहिए। कभी भी किसी भी फैसले में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए।
सहायता सावधानी से करें धन खर्च
महात्मा विदुरजी के अनुसार, यदि आप चाहते हैं कि धन की बरकत घर में हमेशा बनी रहे। मां लक्ष्मी जी की कृपाती रहे तो धन को बहुत सोच-समझकर खर्च करने के साथ भविष्य के बारे में भी आपको सावधानीपूर्वक धन खर्च करना चाहिए। हमेशा कल की चिंता करते हुए धन खर्च करना चाहिए।
अकर्मण्य और अल अल व्यक्ति: विदुर नीति के अनुसार, जो लोग अकर्मण्य और आलसी होते हैं। उनके यहां मां लक्ष्मी निवास नहीं करती हैं। जो लोग अपने हर काम को कल पर टालते हैं। वे स्वयं ही विनाश के कारण बनते हैं। विदुर नीति के अनुसार मनुष्य का सबसे बड़ा विनाश होता है। इसके लिए व्यक्ति को आलस्य का त्याग करना चाहिए और मेहनत की राह चुननी चाहिए।
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