रिपोर्ट : विशाल झा
गाज़ियाबाद। अगले महीने सभी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। परीक्षाओं में बेहतर तैयारी और रिवीजन करने के लिए छात्र मॉडल टेस्ट पेपर और बेरोजगार पेपर का सहारा लेते हैं। इस बार बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों को इन किताबों के लिए बहुत धमाका हो रहा है। सीबीएससी, यूपी बोर्ड सहित कुछ कुछ पढ़ने वालों की जेब पर असर पड़ा है। इसके पीछे का कारण छपाई के धंधों में 40 सेंट तक के इजाफे को बताया जा रहा है। इस बार परीक्षाओं के पुराने जमाने और मॉडल पेपरों की डिमांड में टॉस देखने को मिलता है।
न्यूज 18 के स्थानीय दुकानदार प्रवीण गर्ग ने बताया कि मॉडल पेपर और पेपर के मामले में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। इसके पीछे एक कारण छपाई के डैम का बढ़ना भी है। हमारे पास लिंग, यूपी बोर्ड और एलजीएससी बोर्ड के दाखिले के पेपर, टेस्ट पेपर के लिए छात्र आ रहे हैं। चूंकि परीक्षा से पहले बेहतर तैयारी के लिए किताबें खरीदने वाले छात्र मजबूर हैं इसलिए उन्हें ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं। आर्थिक रूप से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आर्थिक रूप से आर्थिक रूप से कमजोर किताबों पर किताबें दी जा रही हैं।
नए सिलेबस स्टॉक के दाम भी बढ़ेंगे
छपाई के दिखने का असर एनसीईआरटी के सिलेबस की किताबों पर भी दिखाई देता है। नए स्टॉक में 6वीं कक्षा से 8वीं कक्षा तक के किताबों के दाम खास तौर से बढ़ेंगे। इनका असर ऑफिस, घर, दुकान में इस्तेमाल किए जाने वाले कागजों में भी मिल रहा है। किताब खरीद कर आए 12वीं के छात्र अनुराग मिश्रा ने बताया कि इस बार ज्यादा दामों पर किताब मजबूरी में लेना पड़ रहा है।
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पहले प्रकाशित : 25 जनवरी, 2023, 08:35 IST